मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



स्वामी दयानन्द सरस्वती

मेेरी आंख उस दिन को देखने के लिए तरस रही है, जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक सब भारतीय एक भाषा बोलने और समझने लग जांएगे।