विचारकों के कथन :-
शरीर को रोगी और निर्बल रखने के सामान दूसरा कोई पाप नहीं है।
- लोकमान्य तिलक
श्रेणी: 5 विविध
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श्रेणी:विचारकों के कथन
विनोबा भावे
जब तक कष्ट सहने की तैयारी नहीं होती, तब तक लाभ दिखाई नहीं देता। लाभ की इमारत कष्ट की धूप में ही बनती है।
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श्रेणी:विचारकों के कथन
आचार्य चाणक्य
ऐसा एक भी दिन नहीं जाना चाहिए जब आपने एक श्लोक , आधा श्लोक , चैथाई श्लोक या केवल एक अक्षर नहीं सीखा या आपने दान, अभ्यास या कोई पवित्र कार्य नहीं किया।
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