मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: 5 विविध

  • श्रेणी:

    आचार्य चाणक्य

     

    एक बार काम शुरू कर लें तो असफलता का डर न रखें और न ही काम को छोड़ें। निष्ठा से काम करने वाले ही सबसे सुखी हैं।

  • श्रेणी:

    साध्वी संगीता

     

    जेएनयू में जो लड़कियां देशद्रोही नारेबाजी कर रही थीं, उनके लिए मैं सिर्फ यही कहूंगी कि तुमसे अच्छी तवायफ होती है, जो जिस्म बेचती है, देश नहीं।

  • श्रेणी:

    वीर सावरकर

     

    कष्ट ही तो वह प्रेरक शक्ति है, जो मनुष्य को कसौटि पर परखती है और आगे बढ़ाती है।

  • श्रेणी:

    श्रीराम शर्मा आचार्य

     

    हर मनुष्य अपना-अपना आत्म निर्माण करे तो यह पृथ्वी स्वर्ग बन सकती है।

  • श्रेणी:

    रविदन्दन शास्त्री

     

    श्री हरि नाम संकीर्तन साक्षात भगवान का स्वरूप है। भगवान का सिमरण ही मुक्ति का द्वार है। योग आत्मा और परमात्मा का मिलाप है।