मानवता सेवा की गतिविधियाँ
पाषाण के भीतर भी मधुर स्रोत होते हैं।, उसमें मदिरा नहीं, शीतल जल की धारा बहती है।
चेतन कौशल
अच्छे के साथ अच्छे बनें, बुरे का साथ छोड़ दें, क्योंकि हीरे को हीरे से तराशा तो जा सकता है पर कीचड़ से कीचड़ साफ नहीं किया जा सकता।- स्वामी आर्यवेश
मानसिक बीमारियों से बचने का एक ही उपाय है कि हृदय को घृणा से और मन को भय व चिंता से मुक्त रखा जाए।
भजन और प्रार्थना जीभ से नहीं, हृदय से होते हैं।
दरिद्रता सब पापों की जननी है तथा लोभ उसकी संतान है।