अनमोल वचन :-
"वन के राजा शेर का न अभिषेक किया जाता है और न ही कोई संस्कार। वह तो अपने पराक्रम के बल बूते ही जंगल का राजा होता है"।
श्रेणी: 5 विविध
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श्रेणी:अनमोल वचन
वनराज
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श्रेणी:अनमोल वचन
मनुष्य के पास
अनमोल वचन :-
"मनुष्य के पास सुख के बाद दुःख और दुःख के बाद सुख क्रमशः आते रहते हैं। ठीक वैसे ही, जैसे रथचक्र की नेमी के इधर-उधर घूमते हैं"।
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श्रेणी:अनमोल वचन
समाज को
अनमोल वचन :-
"जीवन में समाज की ओर से मुझे जितना मिला, उससे अधिक मैं समाज को दूंगा। हे भगवान हमारी यह प्रार्थना तू पूर्ण कर"।
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श्रेणी:अनमोल वचन
हे विष्णु पत्नि!
अनमोल वचन :-
"देवी! समुद्र तुम्हारा परिधान है, पर्वत स्तन मण्डल है, जिनका वात्सल्य रस नदियों में प्रवाहित हो रहा है। हे विष्णु पत्नि! मैं तुम्हें प्रणाम करता हूं। मेरे पैरों की स्पर्श होने की घृष्टता क्षमा करना"।
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श्रेणी:अनमोल वचन
शील के बिना
अनमोल वचन :-
"धन और रूप से सम्पन्न होने पर भी शील के बिना मनुष्य, फल और पुष्प युक्त कांटों से भरे हुए वृक्ष की भांति लगता है"।