मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: 5 विविध

  • श्रेणी:

    मुसीबत


    मुसीबत की कोई मजाल नहीं, शक्ति तो तेरी भुजाओं में है l
    चाहे तो उनका मुकाबला कर, मनः हिम्मत तो तेरे दिल में है ll


  • श्रेणी:

    समय बहता जल


    समय बहता जल है, बहता ही जाता है l
    राही बढ़ता चल कठिनाई में, मनः बहता जाता गाता है ll


  • श्रेणी:

    जान सके तो


    जान सके तो खुद को जान, मोह बंधन दे तू तोड़ l
    तुझे प्रेम बंधन बांध लेगा, मनः मायावी घडा दे तू फोड़ ll

  • श्रेणी:

    दुःख-सुख


    सुगम होती दुर्गम राह, तू राही क्यों घबराता है l
    दुःख-सुख हैं दोनों साथी, मनः दुःख ही सुख दिखलाता है ll

  • श्रेणी:

    बोल सके तो


    बोल सके तो बोल तू, ज्यों टहनी से फूल झड़े l

    वचन बड़े कीमती हैं, मनः बिल बोलना संभल के ll