मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: 5 विविध

  • श्रेणी:

    जाति भेद – भाव

    मानव जाति भेद-भाव की दीवारें तोड़ो, 
    जन-जन का मानव संग नाता जोड़ो l


  • श्रेणी:

    चरित्रवान



    इन्सान बना वही, लिया जिसने खुद को पहचान l
    फूंक-फूंककर हर कदम चले, मनः दाग से बचे चरित्रवान ll




  • श्रेणी:

    श्रेष्ठ साहित्य



    श्रेष्ठ साहित्य है कामधेनु, दूध सम देता है शक्ति l
    ज्ञानी की बात छोड़ो, मनः मुर्ख भी करने लगता है भक्ति l




  • श्रेणी:

    मदिरा


    नहीं रहता माँ, बहन, बेटी पत्नी का भेद वहां l
    मदिरा का चलता है मनः दौर खुले आम जहाँ ll

  • श्रेणी:

    मानसिक विकार


    काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, अहंकार हैं सब नर्क के द्वार l
    इधर कहते हैं संत प्यारे, मनः उधर बताते हैं गुरुद्वार ll