मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: गृहस्थ आश्रम

  • श्रेणी:

    गृहस्थ आश्रम

    सत्सनातन धर्म के अनुसार जितेंद्रिय गुरु - शिष्य द्वारा वेद शास्त्र का संयुक्त पठन – पाठन, शस्त्र - शास्त्रों का शिक्षण - प्रशिक्षण अभ्यास द्वारा शारीरिक, मानसिक, बौध्दिक, और अध्यात्मिक शक्तियां अर्जित करने तथा स्नातक बनने के पश्चात युवा के लिए योग्य वर देखकर शादी करने या गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने का प्रावधान है l 
    परिवार में नर – नारी पति - पत्नी के रूप में, एक दूसरे के पूरक होते हैं । इसके साथ ही साथ वे परिवार/समाज का निर्माण/कल्याण भी करते हैं । जिस प्रकार महिला अपने परिवार और समाज की आंतरिक जिम्मेदारियों को भली प्रकार संभालती है, ठीक उसी प्रकार पुरुष भी बाह्य जिम्मेदारियों को संभालते हैं ।