मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: 3 स्व रचित रचनाएँ

  • श्रेणी:

    ज्ञान और शक्ति

    दैनिक जागरण 21 जून 2006

    है बिन ज्ञान के शक्ति अंधी
    समस्याएं करती है जटिल पैदा
    शक्ति बिना है ज्ञान अपाहिज
    कुछ ही होता है मुश्किल पैदा
    ज्ञान और शक्ति मिलाकर
    जब किया जाता है काम
    सफलता की जय होती है
    कर्ता को भी मिलता है इनाम
    धार चढ़ी नहीं जिस तलवार
    वह है तलवार कह सकता है कौन
    शक्ति लिए अपार व साथ अज्ञान भी
    मनवा सफलता पा सकता है कौन


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    नारी

    दैनिक जागरण 10 जून 2006 

    उठ जाग ऐ नारी भारत की
    मिट न पाए अब पहचान और भारत की
    तू नकल पश्चिम की क्यों करती है
    तू रंगरूप अपना क्यों बिगाड़ा करती है
    जीन्स पैंटकमीज पहनें सिर मुंडवा करके
    दिखाए खुद को जैकेट कोट हैट लगा करके
    उठ जाग ऐ नारी भारत की
    मिट न पाए अब पहचान और भारत की
    तू शराब सिगरेट पान करती क्लब क्यों जाती है
    हाथ पति का छोड़कर कमर क्यों मटकाती है
    तू बाहें बनाए गैर मर्द की अपने गले का हार जहां
    देह प्रदर्शन करके भी नहीं मिलता है पति का प्यार वहां
    उठ जाग ऐ नारी भारत की
    मिट न पाए अब पहचान और भारत की
    तू बेटी है मां भी प्यारे भारत की
    तू बहना बहु और लाज है भारत की
    देवी दुर्गा काली और सरस्वती भी
    अर्धांगिनी संगिनी मन्त्री नर-नारायण की
    उठ जाग ऐ नारी भारत की
    मिट न पाए अब पहचान और भारत की


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    जल धारा कराती है शिवलिंगों को स्नान

    आलेख – धर्म अध्यात्म संस्कृति दैनिक जागरण 17.5.2006
    देव भूमि हिमाचल प्रदेश में – सुल्याली गाँव तहसील नूरपुर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है l इसी गाँव में एक कंगर नाला के ठीक उस पर, स्वयम प्रकट हुए आप अनादिनाथ शिव शंकर-भोले नाथ शम्भू जी का प्राचीन मंदिर है जो स्वयं निर्मित एक ठोस पहाड़ी गुफा में है, दर्शनीय स्थल है l 
    मान्यता है कि डिह्बकेश्वर महादेव मंदिर में पीड़ितों की पीड़ा दूर होती है, जिज्ञासुओं की जिज्ञासा शांत होती है, अर्थार्थियों को उनका मनचाहा भोग-सुख मिलता है और तत्वज्ञान की लालसा रखने वालों को तत्वज्ञान भी प्राप्त होता है l डिह्बकेश्वर महादेव मंदिर गुफा रूप में दृश्यमान होने के कारण उसमें कहीं दूध समान सफेद रंग की जलधाराएँ गिरती दिखाई देती हैं तो कहीं बूंद-बूंद करके टपकता हुआ पानी l इसके नीचे बने असंख्य छोटे-बड़े शिव लिंगों को उनसे हर समय स्नान प्राप्त होता रहता है l
    डिह्बकेश्वर महादेव मंदिर गुफा के ऊपर से कल-कल और छल-छल करके बहने वाली जलधारा की ऊंचाई लगभग 20-25 फुट है l जिस स्थान पर छड़-छड़ की ध्वनि के साथ यह जलधारा गिरती है, स्थानीय लोग अपनी भाषा में उसे छडियाल या गौरीकुंड कहते हैं l यह डिह्बकू भी कहलाता है l डिह्बकेश्वर महादेव मंदिर गुफा की वाएं ओर एक और गुफा है जो स्थानीय जनश्रुति अनुसार कोई भूमिगत मार्ग है l मंदिर गुफा के दाएं ओर उससे कुछ ऊंचाई पर स्थित उसी के समान गहराई की एक अन्य गुफा हा l यहाँ पर गंगा की धारा, शिव जटा से प्रत्यक्ष सी प्रकट होती हुई दिखाई देती है l सुल्याली गाँव और उसके आसपास के कई क्षेत्रों को पिने का शुद्ध पानी यहीं से प्राप्त होता है l
    परम्परा के अनुसार डिह्बकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में जो भी महात्मा आते हैं, उनकी सेवा में राशन का प्रबंध सुल्याली गाँव के परिवार करते हैं l “बिच्छू काटे पर जहर न चढ़े” यह किसी सिद्ध महात्मा का आशीर्वाद है या डिह्बकेश्वर महादेव की असीम कृपा ही l
    सुल्याली गाँव में बिच्छू के काटने पर किसी व्यक्ति को जहर नहीं चढ़ता है l जनश्रुति और उनके विश्वास के अनुसार शिवरात्रि को शिव भोले नाथ सपरिवार डिह्बकू में विराजित रहते हैं तथा यहाँ पधारे हुए भक्तजनों को अपना आशीर्वाद देते हैं l

    चेतन कौशल “नूरपुरी”

  • श्रेणी:

    समर्थ की पहचान

    दैनिक जागरण 14 मई 2006 

    निर्बल असमर्थ ही छुपता बनता कायर है
    बलवान समर्थ करता शूरता का कार्य है
    रखता है ध्यान सदा अपने हर कर्म का
    छोड़ता है संग अपने हर दुष्कर्म का
    करता सद्गुणों से जीवन का श्रृंगार है
    देखता जन का जन से होता प्यार है
    मनवा जब तू करेगा पाप नहीं
    तब बन पाएगा समर्थ कैसे आप नहीं


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    बुरा नहीं है

    दैनिक जागरण 29 मार्च 2006 

    अपनी बात काटने वाले से
    कारण पूछ लेना अच्छा
    अपनी कमीं जानी जा सके
    तो कोई बुरा नहीं है
    बात स्पष्ट करने वाले को
    अभय दान देना अच्छा
    कोई सच्चाई सामने आ जाए
    तो कोई बुरा नहीं है
    अपनी बात कहने वाले की
    जरूरत जान लेना अच्छा
    कोई अमूल्य जीवन संवर जाए
    तो कोई बुरा नहीं है
    सभा में भाग लेने को
    समय निकाल लेना अच्छा
    ज्ञान की बात मिल जाए
    तो कोई बुरा नहीं है


    चेतन कौशल "नूरपुरी"