अगर हम जीवन चुनौतियों का सामना करने में शास्त्र - शस्त्र विद्याओं में पारंगत नहीं हुए तो एक दिन विधर्मियों द्वारा बांस की भांति छिले भी जा सकते हैं l
श्रेणी: शिक्षण-प्रशिक्षण नीति
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विद्याओं में पारंगता
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शिक्षा
गुरु - शिष्य के जिस संयुक्त प्रयास से शिष्य के जीवन का चहुँमुखी अर्थात शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा का विकास होता है , शिक्षा कहलाती है l