मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण

  • श्रेणी:

    ईश्वर दर्शन

    # रात में विचरण करने वाले उल्लू को दिन में दिखाई नहीं देता है, संसारिक सुख में मस्त रहने वाले को ईश्वर के दिव्य दर्शन नहीं होते है।*

    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    सहारा

    चेतन आत्मोवाच 74 :-

    सहारा होता है जो बेसहारों का, वह दर्द हर लेता है l
    जहर नदी, नाले, झरनों का, मनः शांत समुद्र पी लेता है ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    प्रेम

    चेतन आत्मोवाच 73 :-

    बिना दर्द के जो होता है, वह होता है प्रेम नहीं l
    दर्द नहीं होता जिसमें, मनः होता है वह प्रेम नहीं ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    फ़कीर

    चेतन आत्मोवाच 72 :-

    राजा से फकीर अच्छा, दिलों पर राज करता है l
    दुःख में रहता है राजा, मनः जन, धन पर राज करता है ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    बुरे दिन

    चेतन आत्मोवाच 71 :-

    गीदड़ की मौत आती है, उसे गाँव की राह भाती है l
    बुरे दिन आते हैं, मनः बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"