मानव जाति भेद-भाव की दीवारें तोड़ो,
जन-जन का भारत संग नाता जोड़ो l
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: सामाजिक बुराइयाँ – आलेख
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श्रेणी:सामाजिक बुराइयाँ – आलेख
मदिरा
चेतन आत्मोवाच 78 :-
नहीं रहता माँ, बहन, बेटी पत्नी का भेद वहां l
मदिरा का चलता है मनः दौर खुले आम जहाँ ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:सामाजिक बुराइयाँ – आलेख
मक्कारी
चेतन विचार - सामाजिक बुरायाँ
# समाज में क्षेत्र, भाषा, जाति, धर्म, ऊंच-नीच, रंग, मत, पंथ, संप्रदाय, लिंगादि भेद-भाव फैलाना और सनातनी समाज, देश, धर्म- संस्कृति को मिटाना ही मक्कारों की राजनीति है। *
चेतन कौशल "नूरपुरी"