अगर बेटी का कोई अपराध ही नहीं तो माँ-बाप उसे जन्म लेने से पहले मार क्यों देते हैं ? ऐसा करने से कहीं उनका सम्मान बढ़ता है क्या ?
भ्रूण-हत्या को सदा के लिए भूल ही जाना होगा, ये किसी सभी समाज की संस्कृति नहीं है l
बेटे की लालसा में बेटी की भ्रूण-हत्या एक जघन्य अपराध नहीं तो और क्या है ?
पहले माँ-बाप उस बेटी का अपराध तो बता दें, जिसे जन्म लेने पहले वे उसे मार देना चाहते हैं l
जन्म लेने से पूर्व बेटी की हत्या करके, समाज में नर- नारी अनंतुलन बढ़ाकर माँ-बाप अपना कौनसा दायित्व पूरा कर लेंगे ?
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: सन्तान बेटी – बेटा
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श्रेणी:सन्तान बेटी – बेटा
भ्रूण ह्त्या
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श्रेणी:सन्तान बेटी – बेटा
बेटा – बेटी में भेदभाव
परिवार में बेटे के जन्म पर हर्ष परन्तु बेटी के जन्म पर निराशा क्यों ?
बेटा एक ही परिवार का पालन-पोषण करता है पर बेटी दो परिवारों का ध्यान रखती है, फिर बेटी का जन्म लेने से किसी परिवार का अपमान कैसा ?
बेटा एक परिवार का नाम रोशन करता है जबकि बेटी दोनों परिवारों का, फिर परिवार और समाज द्वारा बेटा-बेटी में भेद-भाव क्यों ?
भूलकर बेटे का न करना अभिमान, बेटा हो या बेटी, दोनों एक समान l
बेटे से नहीं है बेटी कुछ भी कम, दोनों कुल का साथ निभाये हर दम l
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:सन्तान बेटी – बेटा
सन्तान बेटी – बेटा
बाप का सपना जो पूरा करे, उसे बेटा कहते हैं और माँ की आशाओं के अनुरूप जो खरी उतरे, उसे बेटी कहते हैं
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:सन्तान बेटी – बेटा
घर तीर्थ
जो सन्तान अपने माता-पिता की सेवा करती है, उसे किसी तीर्थ यात्रा पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं, वह घर स्वयं तीर्थ बन जाता है l
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:सन्तान बेटी – बेटा
संतान
वह संतान अच्छी है, जो पावों पर अपने खड़ी है l
कर्तव्य अपना समझती है, मनः समाज की सच्ची कड़ी है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"