मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: सन्तान बेटी – बेटा

  • श्रेणी:

    भ्रूण ह्त्या

    अगर बेटी का कोई अपराध ही नहीं तो माँ-बाप उसे जन्म लेने से पहले मार क्यों देते हैं ? ऐसा करने से कहीं उनका सम्मान बढ़ता है क्या ? 
    भ्रूण-हत्या को सदा के लिए भूल ही जाना होगा, ये किसी सभी समाज की संस्कृति नहीं है l
    बेटे की लालसा में बेटी की भ्रूण-हत्या एक जघन्य अपराध नहीं तो और क्या है ?
    पहले माँ-बाप उस बेटी का अपराध तो बता दें, जिसे जन्म लेने पहले वे उसे मार देना चाहते हैं l
    जन्म लेने से पूर्व बेटी की हत्या करके, समाज में नर- नारी अनंतुलन बढ़ाकर माँ-बाप अपना कौनसा दायित्व पूरा कर लेंगे ?

    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    बेटा – बेटी में भेदभाव 

    परिवार में बेटे के जन्म पर हर्ष परन्तु बेटी के जन्म पर निराशा क्यों ?
    बेटा एक ही परिवार का पालन-पोषण करता है पर बेटी दो परिवारों का ध्यान रखती है, फिर बेटी का जन्म लेने से किसी परिवार का अपमान कैसा ?
    बेटा एक परिवार का नाम रोशन करता है जबकि बेटी दोनों परिवारों का, फिर परिवार और समाज द्वारा बेटा-बेटी में भेद-भाव क्यों ?
    भूलकर बेटे का न करना अभिमान, बेटा हो या बेटी, दोनों एक समान l
    बेटे से नहीं है बेटी कुछ भी कम, दोनों कुल का साथ निभाये हर दम l


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    सन्तान बेटी – बेटा

    बाप का सपना जो पूरा करे, उसे बेटा कहते हैं और माँ की आशाओं के अनुरूप जो खरी उतरे, उसे बेटी कहते हैं 

    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    घर तीर्थ

    जो सन्तान अपने माता-पिता की सेवा करती है, उसे किसी तीर्थ यात्रा पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं, वह घर स्वयं तीर्थ बन जाता है l 

    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    संतान



    वह संतान अच्छी है, जो पावों पर अपने खड़ी है l
    कर्तव्य अपना समझती है, मनः समाज की सच्ची कड़ी है ll


    चेतन कौशल "नूरपुरी"