मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: 1 मानव जाति

  • श्रेणी:

    साथ तेरे

    चेतन आत्मोवाच 23 :-

    पुरुषार्थ कर, हिम्मत रख, कोई भी तेरे साथ नहीं l
    मंजिल तुझे जरूर मिलेगी, मनः चाहे कोई भी तेरे साथ नहीं ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    दिल इन्सान का

    चेतन आत्मोवाच 22 :-

    मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च से बड़ा है दिल इन्सान का l
    भगवान् अवश्य मिल जाता, मनः तू दिल न दुखाता इन्सान का ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    संतोष का प्याला

    चेतन आत्मोवाच 21 :-

    पी ले संतोष का प्याला, जो तेरे पास है l
    मेहनत की है तूने जितनी, मनः फल तो तेरे पास है ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    ठोकर

    चेतन आत्मोवाच 20 :-

    ठोकर बड़ी होती है, बड़ा तू नहीं इंसान l
    जब तुझको ठोकर लगी , तब होश आई है इन्सान ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    धीरे-धीरे

    चेतन आत्मोवाच 19 :-

    खाना है तो ठंडा करके होंठ नाजुक जलते हैं l
    काम अच्छा होता धीरे-धीरे, मनः शहद के भी छत्ते भरते हैं ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"