मानवता सेवा की गतिविधियाँ
पानी खौलता है, कोई गर्म करता है lमजदुर बोलता है, मनः कोई परेशान करता है ll
चेतन कौशल
मेहनत घर का मान है, मेहनत ही है शान lप्राण है मेहनत अपनी, मनः मेहनत ही है भगवान ll
धन, बल, योवन के दीवाने ! इनके पीछे भागो मत lपरिणाम निकला भयानक इनसे , मनः है यही सच्च ll
दुःख अपना सुनाना मत, हंसी उड़ाती है दुनियां lदुःख सुनना तू चाहे सबके, मनः राहत पाती है दुनियां ll
कर घृणा नीच विचारों से, मगर इन्सान से नहीं lकरके घृणा इन्सान से, मनः पा सकता तू भगवान नहीं ll