मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: मानव जीवन

  • श्रेणी:

    मजदूर


    पानी खौलता है, कोई गर्म करता है l
    मजदुर बोलता है, मनः कोई परेशान करता है ll


  • श्रेणी:

    मेहनत


    मेहनत घर का मान है, मेहनत ही है शान l
    प्राण है मेहनत अपनी, मनः मेहनत ही है भगवान ll


  • श्रेणी:

    दीवाने


    धन, बल, योवन के दीवाने ! इनके पीछे भागो मत l
    परिणाम निकला भयानक इनसे , मनः है यही सच्च ll


  • श्रेणी:

    दुःख


    दुःख अपना सुनाना मत, हंसी उड़ाती है दुनियां l
    दुःख सुनना तू चाहे सबके, मनः राहत पाती है दुनियां ll


  • श्रेणी:

    घृणा


    कर घृणा नीच विचारों से, मगर इन्सान से नहीं l
    करके घृणा इन्सान से, मनः पा सकता तू भगवान नहीं ll