मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: मानव जीवन

  • श्रेणी:

    जीवन सार

    जीवन – सार सबकी समझ में आने वाली वस्तु नहीं है l वह सत्य है और ये झूठ l वह दिन है और ये रात l


  • श्रेणी:

    जीना-मरना


    गिरती बूंद नदी में बह जाती है संग जलधार l
    जीना-मरना खेल है, मनः नहीं जीत, यहाँ न किसी की हार ll


  • श्रेणी:

    आग


    तरह-तरह का जलना है, तरह-तरह की है आग l
    जिन्दा जलाती चिंता तुझको, मनः मुर्दा भस्म करती है आग ll


  • श्रेणी:

    सदाचार


    मुसीबत में करते जो आह नहीं, बूझने नहीं देते जो योगाग्नि को l
    सदाचार होता है संग उनके, मनः सतगुरु पार भव सागर ले जाने को ll


  • श्रेणी:

    भेंट देने के बाद


    कुछ मिलता है, भेंट देने के बाद l
    तोडना पड़ता है नाता, मनः भुलानी पड़ती है याद ll