चेतन आत्मोवाच 5 :-
खोखला ढोल ढम-ढम करता, गाना तो वह गा नहीं सकता l
तू शोर धर्म का करता, मनः जब उस पर चल नहीं सकता ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: स्व रचित रचनाएँ
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
खोखला ढोल
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
सत्य है तुझसे
चेतन आत्मोवाच 4 :-
सत्य है तुझसे जुदा नहीं, वह तुझ में ही समाया है l
तार सितार से जुदा नहीं, मनः आवाज सितार से ही आया है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
कभी-कभी
चेतन आत्मोवाच 3 :-
कभी-कभी ऐसा हो गया, भ्रम में अँधेरा, प्रकाश हो गया l
अँधेरा तो अँधेरा ही रहा, पर मनः तू भ्रष्ट राही हो गया ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
उत्तम विद्या
चेतन आत्मोवाच 2 :-
ले लेना तू उत्तम विद्या नीच से, दूषित कुल से स्त्री रत्न l
कह गया कोई संत प्यारा, मनः हर्ज नहीं करना ऐसा यत्न ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
जाप सके तो
चेतन आत्मोवाच 1 :-
जाप सके तो जाप ले तू, ॐ ॐ हर साँस l
फिर क्या जाप पायेगा, मनः निकल जाएगी तेरी हर साँस ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"