मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: स्व रचित रचनाएँ

  • श्रेणी:

    जलधारा करती है शिवलिंगों को स्नान

    धर्म अध्यात्म संस्कृति– 2

    देव भूमि हिमाचल प्रदेश में – सुल्याली गाँव, तहसील नूरपुर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है l इसी गाँव में एक कंगर नाला के ठीक उस पार, स्वयं प्रगट हुए आप अनादी नाथ, शंकर, भोले नाथ, शिव-शम्भू जी का प्राचीन मंदिर है जो स्वयं निर्मित एक ठोस पहाड़ी गुफा में है, दर्शनीय स्थल है l

    मान्यता है कि डिह्बकेश्वर महादेव मंदिर में पीड़ितों की पीड़ा दूर होती है, जिज्ञासुओं की जिज्ञासा शांत होती है, अर्थार्थियों को उनका मनचाहा भोग-सुख मिलता है और तत्वज्ञान की लालसा रखने वालों को तत्वज्ञानभी प्राप्त होता है l डिह्बकेश्वर महादेव मंदिर गुफा रूप में दृश्यमान होने के कारण उसमें कहीं दूध समान सफेद रंग की जलधाराएँ गिरती दिखाई देती हैं तो कहीं बूंद-बूंद करके टपकता हुआ पानी l इसके नीचे बने हुए असंख्य छोटे-बड़े शिवलिंगों को उनसे हर समय स्नान प्राप्त होता रहता है l

    डिह्बकेश्वर महादेव मंदिर गुफा के ऊपर से कल-कल छल-छल करके बहने वाली जलधारा की उंचाई लगभग 20-25 फुट है l जिस स्थान पर छड़-छड़ की ध्वनि के साथ यह जलधारा गिरती है, स्थानीय लोग अपनी भाषा में उसे छडियाल या गौरी कुंड कहते हैं l यह डिह्बकू भी कहलाता है l डिह्बकेश्वर महादेव मंदिर गुफा की वायें ओर एक और गुफा है जो स्थानीय जनश्रुति अनुसार कोई भूमिगत मार्ग है l मंदिर गुफा के दायें ओर उससे कुछ उंचाई पर स्थित उसी के समान गहराई की एक अन्य गुफा है l यहाँ पर गंगा की धारा, शिव जटा से प्रत्यक्ष सी प्रकट होती हुई दिखाई देती है l सुल्याली गाँव और उसके आस-पास के कई क्षेत्रों को पीने का शुद्ध पानी यहीं से प्राप्त होता है l

    परम्परा के अनुसार डिह्बकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में जो भी महात्मा आते हैं, उनकी सेवा में राशन का प्रबंध सुल्याली गाँव के परिवार करते हैं l “बिच्छू काटे पर जहर न चढ़े” यह किसी सिद्ध महात्मा का आशीर्वाद है या डिह्बकेश्वर महादेव की असीम कृपा ही l 

    सुल्याली गाँव में बिच्छू के काटने पर किसी व्यक्ति को जहर नहीं चढ़ता है l जनश्रुति और उनके विश्वास के अनुसार शिवरात्रि को शिव भोले नाथ सपरिवार डिह्बकू में विराजित रहते हैं तथा यहाँ पधारे हुए भक्तजनों को अपना आशीर्वाद देते हैं l

    प्रकाशित 17 मई 2006 दैनिक जागरण

  • श्रेणी:

    नियामक जीवन

    चेतन आत्मोवाच 9 

    साधारण जीवन दुर्बल है, नियामक सर्व शक्तिमान l

    जटिल समस्या समाधान करे, मनः तू भेद अमोल पहचान  ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"



  • श्रेणी:

    कुछ तो अवश्य

    चेतन आत्मोवाच 8 :- 

    कुछ तो अवश्य मिलेगा, तू पहले कर्म कर l

    फल तुझे जरुर मिलेगा, मनः पहले पूरा फर्ज कर ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"

     


  • श्रेणी:

    मेहमान न बन

    चेतन आत्मोवाच 7 :-

    मेहमान न बन तू किसीका, रोजाना न कर तू आना जाना l

    मेहमान तू रहेगा नहीं, मनः बहुतों ने तो कुत्ता माना ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    चाहे चन्दन डालो

    चेतन आत्मोवाच 6 :-

    चाहे चन्दन डालो, चाहे सादा इंधन, बस देह का संस्कार होगा l

    अमीर-गरीब का भेद यहाँ, मनः आगे हिसाब कर्म का होगा ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"