मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: कवितायें

  • श्रेणी:

    ललकार

    1 मार्च 2009 कश्मीर टाइम्स

    लक्ष्य जीतना है, एकाग्रता से,
    चाहे हमारा सर्वस्व लुट जाए,
    भिड़ना है हमने अज्ञान से
    चाहे शीश हमारा कट जाए,
    संघर्ष जो है करता,
    उल्लास वो है पाता,
    आलस्य जो है करता,
    हर क्षण वो है पछताता,
    यह समय आलस्य करने का है नहीं,
    समय संघर्ष करने का है यही,
    अब हमने करने हैं शोषण,अत्याचार सहन नहीं,
    समय है लोहा लेने का यही,
    अन्याय, अत्याचार नहीं जिंदगी,
    मौत हैत्याग ही नाव जिंदगी,
    प्रेम पतवार है,उठो, जागो!
    समय की ललकार है,
    मानवता करती हाहाकार है,
    आए हैं हम मानव देह में यहां,
    हमने क्रांति लानी है यहां,
    निष्कपट काम करेंगे हम सभी,
    घड़ी सुहावनी फिर आएगी तभी,


    चेतन कौशल "नूरपुरी"
    
    

  • श्रेणी:

    स्वदेश के प्रति

    22 फरवरी 2009 कश्मीर टाइम्स

    न्याय प्रेमी, शांति के पुजारी प्यारे देश,
    हिम-किरीट स्वामी, जग से न्यारे देश,
    खड़ा अज्ञानी सीमा पर, कर रहा तन छारछार है,
    समझने पर टलता नहीं, कर रहा वार पर वार है,
    मार्ग दिखा कोई, राह पर लाना है उसे
    या मशाल लगा ध्वस्त करना है उसे?
    आदेश दे कोई, हम मिटाएँ तेरे घावों का क्लेश,
    न्याय प्रेमी, शांति के पुजारी प्यारे देश,
    निष्कपट, दयालु विशाल हृदय में बनें पंचशील जब,
    सुना, विचारा विश्व ने, था कहां? वह बहरा अल्पज्ञ तब,
    चाहते हैं उसको गले लगाना, विचारें हम ऐसा करें!
    शहीद हुए शूरवीर तेरे हित, कार्य कुछ ऐसा करें!
    तन, मन, धन वार प्रिय जनहित, काम करना है स्वदेश,
    न्याय प्रेमी, शांति के पुजारी प्यारे देश,


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    हमारी मांग

    15 फ़रवरी 2009 कश्मीर टाइम्स

    अनुशासित जीवन यापन जो करे,
    पार्टी टिकट उसी को मिले,
    किसी की मनमानी यहां चले नहीं,
    बयार, विपरीत दिशा कहीं बहे नहीं,
    सर्वहितकारी निर्णय निष्पक्ष जो करे,
    पार्टी टिकट उसी को मिले,
    खा-पीकर गलिकूचों में जो हो मतवाला,
    वहां उसका मुहं अवश्य हो काला,
    जीवन सम्पन्न हो जिसका सद्गुणों का
    और ध्यान निस्वार्थ सेवा में जो धरे,
    पार्टी टिकट उसी को मिले,
    स्वयं जागकर, अपना परिवार जगाने वाला,
    जगाकर परिवार, आस-पड़ोस जगाने वाला,
    जन से जन-जन को जगाने वाला,
    जगाकर गांव, शहर जागृत जो करे,
    पार्टी टिकट उसी को मिले,


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    जीवन नाटक

    25 जनवरी 2009 कश्मीर टाइम्स

    गूंज रही नभ में तान, क्षणिक जीवन नाटक सकल जहान,
    थोथा नहीं, अन्तरतम में वास करती, कुटिलाई का पवित्रता नाश,
    हम नहीं नायक, समय हमारा, पल-पल बीत रहा जीवन सारा,
    गूंज रही नभ में तान, क्षणिक जीवन नाटक सकल जहान,
    आज तक क्या कर लिया, आगे क्या कर लोगे?
    अब तक झगड़ लिया, आगे लड़कर क्या कर लोगे?
    स्पष्ट कर दो अरमान, क्या तुम्हारा कोई ध्येय है?
    या जीवन में पगपग पर पानी पराजय है?
    गूंज रही नभ में तान, क्षणिक जीवन नाटक सकल जहान,


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    न्याय

     18 जनवरी 2009 कश्मीर टाइम्स

    होगा फिर न्याय, बस न्याय होगा
    नहीं तो और कुछ न होगा,
    मांगनी नहीं स्वत्वों की भिक्षा,
    मिली है हृदय जन्य की शिक्षा,
    करना है मानवधर्म का सृजन,
    सुलझेगा पेचीदा सदियों का प्रश्न,
    होगी खुशहाली, बस न्याय होगा,
    नहीं तो और कुछ न होगा,
    खून शेर दौड़ता है निज शिराओं में,
    होते गीदड़ न बसते शहरों में,
    बपुरा चिरकाल फंसा विपत्ति,
    तड़पता कारागार पाँवर की तृप्ति,
    परहित त्राण, बस न्याय होगा,
    नहीं तो और कुछ न होगा,
    प्रचलन रहा, हमेशा जहां रिश्वत का,
    आरक्षण का और सिफारिश का,
    कंचन कांति योग्यता ने तोड़े दम,
    जो है गहरा गर्त, जानते है हम,
    प्रगति द्वंद नहीं, बस न्याय होगा,
    नहीं तो और कुछ न होगा,
    नहीं खेलेंगे, हम अब खून की होली,
    चलेगी मिलकर, हम सब जन की टोली,
    चाहे बध हो हमारा, न होगा प्रयाण,
    क्षीणहीन का करेंगे कल्याण,
    घातक आभाव न्याय, बस न्याय होगा,
    नहीं तो और कुछ न होगा,


    चेतन कौशल "नूरपुरी"