मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: कवितायें

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    संकल्प

    21 जून 2009 कश्मीर टाइम्स  

    वह देखो! उधर सूखा है चहुं ओर,
    कैसी वीरानगी, उदासी छाई है?
    वहां हड्डी है, कोयला भी, मगर
    छाया कहीं नजर नहीं आई है,
    कार्य हमने अब कुछ ऐसा है करना,
    सूखे की ओर रुख नदी का है करना,
    मरु में लानी है हमनें हरित क्रांति,
    व्यर्थ बहते जल से, सूखे में हरित क्रांति,


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

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    भूजल पुनर्भरण

    16 जून 2009 कश्मीर टाइम्स

    भूजल पुनर्भरण होगा आज
    सुव्यवस्थित जलसंसाधन का,
    यहां-वहां पर करेंगे हम
    पुनर्जागरण जन-जन का,
    अनावश्यक जल को बांधकर
    सबका करेंगे उपकार,
    भूजल स्तर बढ़ता है इससे,
    संम्पन्न होता है संसार,
    सुखी धरती करती है पुकार,
    संचित भूजल सबका करता है उद्धार,

    चेतन कौशल "नूरपुरी"

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    हमारी जिम्मेदारी

    24 मई 2009 कश्मीर टाइम्स

    कुछ ऐसी वस्तुओं का हमनें प्रयोग शुरू है करना,
    दूसरी बार जिनका प्रयोग हो न सके,
    प्लास्टिक, पॉलीथिन का प्रयोग बंद है करना,
    जिन वस्तुओं से पर्यावरण प्रदूषण रुक न सके,
    हटाना है हमने प्लास्टिक, पॉलीथिन वस्तुओं को,
    पर्यावरण प्रदूषण, फैलता है जिन वस्तुओं से,
    अपनाना है, हमनें फिर से उन वस्तुओं को,
    पर्यावरण प्रदूषण न फैले, जिन वस्तुओं से,
    पर्यावरण प्रदूषण की वस्तुओं का, हमने करना है उत्पादन
    तो उन्हें हटाने की भी हम क्यों न जिम्मेदारी लें
    उपभोक्ता नहीं चाहते पर्यावरण प्रदूषण और उत्पादन,
    आओ! पर्यावरण प्रदूषण मिटाने की हम जिम्मेदारी लें


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

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    शिक्षा कहां मिलेगी ?

    3 मई 2009 कश्मीर टाइम्स

    कार्य प्रयास करें जो सबका भला,
    सबके काम आएं जो विधि-विधान,
    संस्कारों का आचरण सदा यथार्थ हो,
    कार्य-व्यवहार करें जीवनोपयोगिता बयान,
    ज्ञान बढ़े और हो जिससे आत्मरक्षा,
    स्वास्थ्य वर्धन करे और रहे सामाजिक सुरक्षा,
    देगा कौन? हमें ऐसी शिक्षा,
    मिलेगी कहां? हमें ऐसी शिक्षा,


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

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    मेहनत का राज

    12 अप्रेल 2009 कश्मीर टाइम्स

    मेहनत करने वालों को काम बहुत हैं,
    नहीं करने वालों को बहुत हैं बहाने,
    बही कहें आँगन टेढा,
    जो कभी नाचना न जाने,
    मेहनत लगन से होती है,
    दिल-दिमाग एक करना जो जाने,
    मेहनत करने वालों को काम बहुत हैं,
    नहीं करने वालों को बहुत हैं बहाने,
    जबरन उनको काम पर न लगाना,
    ध्यान जिन्होंने काम पर नहीं लगाना,
    लगन से मुश्किल काम आसान हो जाते,
    आओ चलें! कार्यकुशल मेहनती अपनाने,
    मेहनत करने वालों को काम बहुत हैं,
    नहीं करने वालों को बहुत हैं बहाने,
    धनदौलत अर्जित होती है
    और ठाटबाट भी, क्या कहने!
    धनदौलत उन्हीं की दासी होती है,
    धन सदुपयोग करना जो जाने,
    मेहनत करने वालों को काम बहुत हैं,
    नहीं करने वालों को बहुत हैं बहाने,
    सारा बाजार उन्हीं का होता अपना,
    जान लेते बाजार के सारे जो मायने,
    मेहनत करना अपना धर्म वो समझते,
    नहीं ढूंढते, नहीं करने के जो बहाने,
    मेहनत करने वालों को काम बहुत हैं,
    नहीं करने वालों को बहुत हैं बहाने,


    चेतन कौशल "नूरपुरी"