मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: विचारकों के कथन

  • श्रेणी:

    महर्षि अरविंद

    विचारकों के कथन :-

    अध्यापक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं। वे संस्कारों की जड़ों में खाद देते हैं और अपने श्रम से उन्हें सींच-सींच कर महाप्राण शक्तियां बनाते है।
    - महर्षि अरविंद

  • श्रेणी:

    स्वामी रामतीर्थ

    विचारकों के कथन :-

    जंजीरें, जंजीरें ही होती हैं, चाहे वे लोहे की हों या सोने की, वे समान रूप से तुम्हें गुलाम बनाती हैं।
    - स्वामी रामतीर्थ

  • श्रेणी:

    मुंशी प्रेमचंद

    विचारकों के कथन :-

    क्रिया के पश्चात प्रतिक्रिया नैसर्गिक नियम है।
    - मुंशी प्रेमचंद

  • श्रेणी:

    डा0 शंकरदयाल शर्मा

    विचारकों के कथन :-

    सहिष्णुता और समझदारी संसदीय लोकतंत्र के लिए उतने हीआवश्यक हैं, जितने संतुलन और मर्यादित चेतना।
    - डा0 शंकरदयाल शर्मा

  • श्रेणी:

    स्वामी विवेकानन्द

    विचारकों के कथन :-

    जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए, नही तो लोगों का विश्वास उठ जाएगा।
    - स्वामी विवेकानन्द