मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: चेतन विचार

  • श्रेणी:

    शूद्र का बेटा

    # वर्ण व्यवस्था  में शूद्र का बेटा अपने गुण, संस्कार, स्वभाव अनुसार ब्राह्मण, वैश्य और क्षत्रिय का भी कार्य कर सकता है।* 


  • श्रेणी:

    वर्ण व्यवस्था

    # वर्ण व्यवस्था में चारों वर्ण एक दूसरे के पूरक हैं, कोई छोटा-बड़ा या छूत-अछूत नहीं है, जिसे विश्वास न हो उसे मुगल आगमन से पूर्व भारत का प्राचीन इतिहास पढ़ना चाहिए। * 


  • श्रेणी:

    गुरु


    # विद्यार्थी को तराशकर एक योग्य ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र कोई बना सकता है तो वह गुरु ही हो सकता है l*


  • श्रेणी:

    प्रार्थना

    # प्रार्थना मन से होनी चाहिए, वाणी से नहीं। वाणी में प्रार्थना हो और मन कहीं ओर हो तो उस प्रार्थना से क्या लाभ !

  • श्रेणी:

    प्राइवेट स्कूल

    # प्राइवेट स्कूलों का उद्देश्य शिक्षा देना हो या न हो परंतु धन कमाना तो अवश्य ही है।*