मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: चेतन विचार

  • श्रेणी:

    अँधेरा भविष्य

    # मां-बाप बच्चों को पढ़ाने में अपनी आयु भर की कमाई खर्च कर देते हैं। ब्रिटिश साम्राज्य हित के पोषित वर्तमान शिक्षा केंद्रों में जब कभी उन्हें गलती से कहीं नौकरी मिल भी जाती है तो वहां उनके द्वारा कड़ी मेहनत करने के बदले में सात-आठ हजार प्रति मास मात्र वेतन मिलता है। उससे उनका अपना ही खर्च पूरा नहीं होता है। वे उससे अपने बच्चों का भरण-पोषण करेंगे या अपने मां-बाप का सहारा बनेंगे? वे क्या करेंगे?* 

    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    भारतीय गुरुकुल

    # माना जाता है कि भारत में परंपरागत भारतीय गुरुकुलों से बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा के साथ-साथ लोगों के रोग-निदान हेतु चिकित्सा भी निशुल्क  की जाती थी। इसे दुर्भाग्य कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अब यह दोनों मात्र धन उपार्जन के केद्र  बन कर रह गए हैं।* 

    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    वर्तमान शिक्षा केंद्र

    # शारीरिक स्वशासन की शिक्षा परंपरागत भारतीय गुरुकुल ही दे सकते हैं l ब्रिटिश साम्राज्य से जनित एवं पोषित वर्तमान शिक्षा केंद्र, शारीरिक स्वशासन की शिक्षा क्या देंगे जिन्होंने मात्र धन अर्जित करना अपना लक्ष्य बना रखा है।* 

    चेतन कुशाल "नूरपुरी
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  • श्रेणी:

    वैदिक पाठशाला

    # देश के हर गांव में एक वैदिक पाठशाला अवश्य होनी चाहिए जिसमें बच्चों को वैदिक शिक्षण-प्रशिक्षण के माध्यम से समाज और देश हित में सनातन धर्म ओर संस्कृति की रक्षा एवं विकास हेतु शारीरिक स्वशासन की भी शिक्षा दी जा सके।" 

    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    जनहित और राष्ट्र हित की शिक्षा

    # ब्रिटिश साम्राज्य हित की पोषित वर्तमान शिक्षा प्रणाली जो आज मात्र शिक्षा व्यपार केंद्र बनकर रह गई हैं, का अविलम्ब सुधार करना होगा ताकि उसके स्थान पर जनहित और राष्ट्र हित की परंपरागत भारतीय गुरुकुल शिक्षा प्रणाली आरम्भ की जा सके।* 

    चेतन कौशल "नूरपुरी"