# वह आत्मा जो शरीर की दस इंद्रियों के घोड़ों से सुशोभित रथ पर बैठकर मन की लगाम को अपनेे सार्थी बुद्धि के द्वारा संचालित करता है, स्वामी होता हैै, अध्यात्मिक गुरु कहलाता है।*
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: चेतन विचार
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श्रेणी:चेतन विचार
वह आत्मा जो
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श्रेणी:चेतन विचार
समाज का नव निर्माण
" सभ्य समाज का नव निर्माण करने के लिए शारीरिक स्वशासन करना भी एक कला है। इसकी परीक्षा उतीरण करना हर युवा के लिए अनिवार्य होेना चाहिए।"
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन विचार
कानून
# ऐसे कानून जिनसे अपराध के अनुपात में अपराधी को दंड न मिले और निरापराधी भय मुक्त न हो, सरकार के द्वारा ऐसे कानूनों का अविलम्ब सुधार करना चाहिए।* चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन विचार
हीरा
# हीरा सदैव अपनी ही आभा से चमकता हैै, कोई उस पर विश्वास नहीं करता है तो यह कमी विश्वास न करने वाले की है न कि हीरे की।*
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन विचार
हीरा
# हीरा हमेशा हीरा ही रहता है, भले ही वह कोयले में गिर जाए या उस पर कोयला, उसकी आभा कभी कम नहीं होती है। इसी तरह श्रेष्ठ लोग, श्रेष्ठ ही रहते हैं, उन पर बुरे लोगों की किसी भी बुराई का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। *
चेतन कौशल "नूरपुरी"