मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: अनमोल वचन

  • श्रेणी:

    वर्ण – आश्रम धर्म

    अनमोल वचन :-

    किसी भी प्राणी की हिंसा न करना - कष्ट न पंहुचाना, मधुर वचन बोलना, सत्य भाषण करना, बाहर और भीतर से पवित्र रहना एवं शौचाचार का पालन करना, दीनों के प्रति दयाभाव रखना तथा क्षमा (निन्दा आदि को सह लेना) ये चारों वर्णों तथा आश्रमों के सामान्य धर्म कहे गए हैं।

  • श्रेणी:

    विज्ञान बिना

    अनमोल वचन :-

    जो विज्ञानवान् नहीं होता जिसका मन सदा अयुक्त होता है, उसकी इंद्रियां सारथी के दुष्ट घोड़े की तरह उसके वश में नहीं होती।


  • श्रेणी:

    शस्त्र और बुद्धि

    अनमोल वचन :-

    शस्त्र के द्वारा मारे जाने वाले व्यक्ति सही अर्थों में नहीं मारे जाते हैं, बल्कि बुद्धि के द्वारा मारे जाने वाले ही सही अर्थों में निहत होते हैं, क्योंकि शस्त्रों के द्वारा तो व्यक्ति का केवल शरीर ही नष्ट होता है किंतु बुद्धि द्वारा उसके कुुल, वैभव व यश का नाश होता है।

  • श्रेणी:

    धर्म

    अनमोल वचन :-

    धर्म ही एक ऐसा मित्र है जो मरने पर भी साथ जाता है, अन्य सब कुछ तो शरीर के साथ ही नष्ट हो जाता है।

  • श्रेणी:

    संसार में

    अनमोल वचन :-

    समर्थ व्यक्तियों के लिए इस संसार में कोई काम मुश्किल नहीं है। व्यापार करने वालों के लिए दूरी का कोई महत्व नहीं। इसी प्रकार विद्वानों के लिए सारा संसार ही घर है, कोई स्थान विदेश नहीं है और मीठा बोलने वाले व्यक्ति के लिए इस जगत में कोई पराया नहीं है।