मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: अनमोल वचन

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    पात्र-अपात्र

    अनमोल वचन :-

    सांपों को दूध पिलाना केवल उनके विष को बढ़ाता है, इसी प्रकार मूर्खों को दिया हुआ उपदेश  उन्हें प्रकुपित ही करता है, न कि शांत । अतः हमें प्रत्येक कार्य में पात्र-अपात्र का अवश्य  ही ध्यान रखना चाहिए ।

  • श्रेणी:

    वनराज

    अनमोल वचन :-

    "वन के राजा शेर का न अभिषेक किया जाता है और न ही कोई संस्कार। वह तो अपने पराक्रम के बल बूते ही जंगल का राजा होता है"।


  • श्रेणी:

    मनुष्य के पास

    अनमोल वचन :-

    "मनुष्य के पास सुख के बाद दुःख और दुःख के बाद सुख क्रमशः आते रहते हैं। ठीक वैसे ही, जैसे रथचक्र की नेमी के इधर-उधर घूमते हैं"।


  • श्रेणी:

    समाज को

    अनमोल वचन :-

     "जीवन में समाज की ओर से मुझे जितना मिला, उससे अधिक मैं समाज को दूंगा। हे भगवान हमारी यह प्रार्थना तू पूर्ण कर"।


  • श्रेणी:

    हे विष्णु पत्नि!

    अनमोल वचन :-

    "देवी! समुद्र तुम्हारा परिधान है, पर्वत स्तन मण्डल है, जिनका वात्सल्य रस नदियों में प्रवाहित हो रहा है। हे विष्णु पत्नि! मैं तुम्हें प्रणाम करता हूं। मेरे पैरों की स्पर्श होने की घृष्टता क्षमा करना"।