5. मार्च 2016 / 0 Comments वास्तविक सम्पदा # मनुष्य सृष्टि की नश्वर अपार चल-अचल संपदा को तो कुछ ही वर्षों में अर्जित कर लेता है पर उसे अनश्वर अघ्यात्मिक संपदा एकत्र करने के लिए अपने मन के किसी विकार को दूर करने में पूरी आयु भी कम पड़ जाती है।*चेतन कौशल "नूरपुरी"