# समझ नहीं आता है कि कोई मनुष्य दूसरे मनुष्य की किसी बुरी आदत को बदलने को तो कहता है, परंतु वह अपनी बुरी आदत बदलने में समर्थ होता हुआ भी उसे बदलने के लिए कभी तैयार नहीं होता है।* 

चेतन कौशल "नूरपुरी"