मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



मानसिक विकार


काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, अहंकार हैं सब नर्क के द्वार l
इधर कहते हैं संत प्यारे, मनः उधर बताते हैं गुरुद्वार ll

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