# मनुष्य की महानता इसी में है कि वह किसी भय एवं दबाव के बिना सदा प्रसन्न रहकर, स्वेच्छा से जन हित, समाज हित, देश हित और विश्व हित के लिए मन, कर्म और वाणी से जग प्रंशसनीय ही कार्य करे।*

चेतन कौशल "नूरपुरी"