मानवता सेवा की गतिविधियाँ
चेतन कौशल
अमर उजाला 13 फरवरी 2007 बोल सके तो बोल प्यारेमीठे बोल तू बोलकीमती बोल तू बोल प्यारेबोल संभल कर बोलफूल मुरझा जाते हैं अक्सरकली सदा रहती नहींघाव तलवार के भर जाते हैंमगर बात कड़वी मिटती नहीं
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