परिवार में बेटे के जन्म पर हर्ष परन्तु बेटी के जन्म पर निराशा क्यों ?
बेटा एक ही परिवार का पालन-पोषण करता है पर बेटी दो परिवारों का ध्यान रखती है, फिर बेटी का जन्म लेने से किसी परिवार का अपमान कैसा ?
बेटा एक परिवार का नाम रोशन करता है जबकि बेटी दोनों परिवारों का, फिर परिवार और समाज द्वारा बेटा-बेटी में भेद-भाव क्यों ?
भूलकर बेटे का न करना अभिमान, बेटा हो या बेटी, दोनों एक समान l
बेटे से नहीं है बेटी कुछ भी कम, दोनों कुल का साथ निभाये हर दम l
चेतन कौशल "नूरपुरी"