मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



जाप सके तो


जाप सके तो जाप ले तू, ॐ ॐ हर साँस l

फिर क्या जाप पायेगा, मनः निकल जाएगी तेरी हर साँस ll

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