मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



जान सके तो


जान सके तो खुद को जान, मोह बंधन दे तू तोड़ l
तुझे प्रेम बंधन बांध लेगा, मनः मायावी घडा दे तू फोड़ ll

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