मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



खुद को ढाल


सुहागा सत्य है, आग अहिंसा, सोना शरीर तपा ले l
सांचे में खुद को ढाल, मनः मानव जीवन संवार ले l

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