मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



कड़वी बात


फूल मुरझा जाते हैं, सदा कलि भी कलि रहती नहीं l

घाव भर जाते हैं, पर मनः बात कड़वी मिटती नहीं ll

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