मानवता सेवा की गतिविधियाँ
चेतन कौशल
आशाओं के घोर अँधेरे में, क्यों खो गया तेरा जीवन है ?तालाश खुद की खुद कर, मनः नाहक बना क्यों दीन-हीन है ll
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