मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



आचार्य चाणक्य

एक बार काम शुरू कर लें तो असफलता का डर न रखें और न ही काम को छोड़ें। निष्ठां से काम करने वाले ही सबसे सुखी हैं।