महान् विशाल और अच्छी तरह मजबूती से खड़े हुए अकेले वृक्ष को भी वायु अपने वेग से उखाड़ देती है। इसी प्रकार ताकतवर व्यक्ति भी अकेला हो तो उसे कोई भी हरा सकता है अर्थात संगठित रहने पर ही अजेय शक्ति प्राप्त होती है।