मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



2. भक्ति, श्रद्धा, प्रेम का पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

भगवान श्रीकृष्ण लगभग 5000 वर्ष ईश्वी पूर्व इस धरती पर अवतरित हुए थे। उनका जन्म द्वापर युग में हुआ था।…
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सशक्त न्याय व्यवस्था की आवश्यकता

दिनांक 29 जुलाई 2025 सत्य, न्याय, नैतिकता, सदाचार, देश, सत्सनातन धर्म, संस्कृति के विरुद्ध मन, कर्म और वचन से की…
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सनातन धर्म के सोलह संस्कार

दिनांक 20 जुलाई 2025 सनातन धर्म के सोलह संस्कारसनातन धर्म में मानव जीवन के सोलह संस्कारों का प्रावधान है जो…
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ब्राह्मण – ज्ञानवीर

उद्देश्य – विश्व कल्याण हेतु ज्ञान विज्ञान का सृजन, पोषण और संवर्धन करना l – ब्रह्मा जी का मुख ब्राह्मण…
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क्षत्रिय – शूरवीर

उद्देश्य –  ब्राह्मण, नारी, धर्म, राष्ट्र, गाये के प्राणों की रक्षा – सुरक्षा की सुनिश्चितता  बनाये रखना l   -…
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  • श्रेणी:

    रविंद्रनाथ टैगोर

    विचारकों के कथन :-

    किसी बच्चे की शिक्षा अपने ज्ञान तक सीमित मत रखिए, क्योंकि वह किसी और समय में पैदा हुआ है।
    - रविंद्रनाथ टैगोर

  • श्रेणी:

    रामधारी सिंह दिनकर

    विचारकों के कथन :-

    कविता वह सुरंग है, जिसमें से गुजरकर मनुष्य एक विश्व को छोड़ कर दूसरे में प्रवेष करता है।
    - रामधारी सिंह दिनकर

  • श्रेणी:

    हितोपदेश

    विचारकों के कथन :-

    बिना कारण कलह कर बैठना मूर्खता है। बुद्धिमता इसी में है कि अपनी हानि सह लें, लेकिन विवाद न करें।
    - हितोपदेश

  • श्रेणी:

    गौतम बुद्ध

    विचारकों के कथन :-

    मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से, लोभ को दान से और झूठ को सत्य से जीत सकता है।
    - गौतम बुद्ध

  • श्रेणी:

    रविंद्रनाथ ठाकुर

    विचारकों के कथन :-

    मानव का जीवन एक महानदी की भांति है जो अपने बहाव द्वारा नवीन दिशाओं में राह बना लेती है।
    - रविंद्रनाथ ठाकुर