भगवान श्रीकृष्ण लगभग 5000 वर्ष ईश्वी पूर्व इस धरती पर अवतरित हुए थे। उनका जन्म द्वापर युग में हुआ था।…
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श्रेणी:विचारकों के कथन
आचार्य चाणक्य
मेरे राष्ट्र की अखंडता में जो बाधक होगा, उसका मैं सर्वनाश करूंगा और स्वयं स्वर्ग के देवता भी मेरा मार्ग नहीं रोक सकते।
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श्रेणी:विचारकों के कथन
आचार्य चाणक्य
हमें भूत के वारे में पछतावा नहीं करना चाहिए न ही भविष्य के वारे में चिंतित होना चाहिए। विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं।
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श्रेणी:विचारकों के कथन
स्वामी आर्यवेश
अच्छे के साथ अच्छे बनें, बुरे का साथ छोड़ दें, क्योंकि हीरे को हीरे से तराशा तो जा सकता है पर कीचड़ से कीचड़ साफ नहीं किया जा सकता।
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श्रेणी:विचारकों के कथन
शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
जो शक्षा मनुष्य को संकीर्ण और स्वार्थी बना देती है, उसका मूल्य किसी युग में चाहे जो रहा हो, अब नहीं है।