भगवान श्रीकृष्ण लगभग 5000 वर्ष ईश्वी पूर्व इस धरती पर अवतरित हुए थे। उनका जन्म द्वापर युग में हुआ था।…
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श्रेणी:अनमोल वचन
कर्म का फल
अनमोल वचन :-
शुभ कर्म से सुख मिलता है और पाप कर्म से दुःख, सर्वत्र किए हुए कर्म का ही फल प्राप्त होता है, कहीं भी बिना किए का नहीं।
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श्रेणी:अनमोल वचन
श्रीराम जी की याचना
अनमोल वचन :-
हे भविष्य के राजाओ! यह रामचंद्र आपसे विनम्रतापूर्वक बारम्बार प्रणाम कर याचना करता है कि आप लोग मेरे द्वारा बांधे गए धर्मसेतु की सदा रक्षा करते रहें।
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श्रेणी:अनमोल वचन
मनुष्य के रूप में पशु
अनमोल वचन :-
जिन मनुष्यों में विद्या, तप, दान (त्याग भावना), ज्ञान, शील, गुण और धर्म नहीं है वे इस मृत्युलोक में भूमि पर भार बनकर मनुष्य के रूप में पशु के समान विचरते हैं।
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श्रेणी:अनमोल वचन
धर्म की महिमा
अनमोल वचन :-
धर्म से ही अर्थ की प्राप्ति होती है। धर्म से ही सुख मिलता है। सारी इच्छाएं भी धर्म से ही पूरी होती हैं। यह विश्व भी धर्म पर ही खड़ा है।
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श्रेणी:अनमोल वचन
कर्म का स्वभाव
अनमोल वचन :-
मनुष्य का पूर्वकृत कर्म उसके सोने पर साथ ही सोता है, उठने पर साथ ही उठता है और दौड़ने पर भी साथ ही दौड़ता है।