मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



2. भक्ति, श्रद्धा, प्रेम का पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

भगवान श्रीकृष्ण लगभग 5000 वर्ष ईश्वी पूर्व इस धरती पर अवतरित हुए थे। उनका जन्म द्वापर युग में हुआ था।…
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सशक्त न्याय व्यवस्था की आवश्यकता

दिनांक 29 जुलाई 2025 सत्य, न्याय, नैतिकता, सदाचार, देश, सत्सनातन धर्म, संस्कृति के विरुद्ध मन, कर्म और वचन से की…
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सनातन धर्म के सोलह संस्कार

दिनांक 20 जुलाई 2025 सनातन धर्म के सोलह संस्कारसनातन धर्म में मानव जीवन के सोलह संस्कारों का प्रावधान है जो…
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ब्राह्मण – ज्ञानवीर

उद्देश्य – विश्व कल्याण हेतु ज्ञान विज्ञान का सृजन, पोषण और संवर्धन करना l – ब्रह्मा जी का मुख ब्राह्मण…
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क्षत्रिय – शूरवीर

उद्देश्य –  ब्राह्मण, नारी, धर्म, राष्ट्र, गाये के प्राणों की रक्षा – सुरक्षा की सुनिश्चितता  बनाये रखना l   -…
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  • श्रेणी:

    परीक्षा करनी चाहिए

    अनमोल वचन :-

    विपत्ति में मित्र, युद्ध में वीर, धन होने पर मन की शुद्धता, धननष्ट होने पर स्त्री, और आपत्तियों में बांधवों की परीक्षा करनी चाहिए।

  • श्रेणी:

    हितकर होते हुए भी

    अनमोल वचन :-

    इस संसार में सदा मन को प्रिय लगने वाला वचन बोलने वाला महापापी मनुष्य भी अवश्य मिल सकता है, परंतु हितकर होते हुए भी अप्रिय वचन को कहने और सुनने वाले दोनों दुर्लभ हैं।

  • श्रेणी:

    अपना पक्ष त्यागकर

    अनमोल वचन :-

    इस संसार में सदा मन को प्रिय लगने वाला वचन बोलने वाला महापापी मनुष्य भी अवश्य मिल सकता है, परंतु हितकर होते हुए भी अप्रिय वचन को कहने और सुनने वाले दोनों दुर्लभ हैं।

  • श्रेणी:

    बुद्धिमान लोग

    अनमोल वचन :-

    बुद्धिमान (महात्मा) लोग सम्पत्ति और विपत्ति में एकरूप रहते हैं अर्थात सुख - दुःख में समान रहते हैं, उसी प्रकार जैसे सुर्य उदय के समय भी लाल रहता है और अस्त काल में भी लाल ही रहता है।

  • श्रेणी:

    सफलता का नियम

    अनमोल वचन :-

    जो व्यक्ति अरणियों (विशेष लकड़ी) को मथते हुए बीच में रुकने की चाह नहीं रखता, वही अग्नि प्राप्त करता है। यही नियम किसी भी कार्य की सफलता के लिए है अर्थात निरंतर परिश्रम करने से ही सफलता मिलती है।