भगवान श्रीकृष्ण लगभग 5000 वर्ष ईश्वी पूर्व इस धरती पर अवतरित हुए थे। उनका जन्म द्वापर युग में हुआ था।…
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श्रेणी:अनमोल वचन
मंगल कारी गाय
अनमोल वचन :-
गोओ! तुम कृश शरीर वाले व्यक्ति को हृष्ट-पुष्ट कर देती हो एवं तेजोहीन को देखने में सुंदर बना देती हो। इतना ही नहीं, तुम अपने मंगलमय शब्द से हमारे घरों को मंगलमय बना देती हो। इसी से सभाओं में तुम्हारे ही महान् यश का गान होता है।
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श्रेणी:अनमोल वचन
बुरे संग से
अनमोल वचन :-
गुणी जनों के सानिध्य में ही सद्गुण विकसित होते हैं, बुरे संग से गुण भी दोष में बदल जाते हैं। जैसे नदी का मीठा जल समुद्र के सानिध्य में अपने गुण को खो देता है और खारा हो पीने योग्य नहीं रहता।
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श्रेणी:अनमोल वचन
देश-काल के विपरीत
अनमोल वचन :-
गुणी जनों के सानिध्य में ही सद्गुण विकसित होते हैं, बुरे संग से गुण भी दोष में बदल जाते हैं। जैसे नदी का मीठा जल समुद्र के सानिध्य में अपने गुण को खो देता है और खारा हो पीने योग्य नहीं रहता।
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श्रेणी:अनमोल वचन
शत्रु और रोग
अनमोल वचन :-
जो उत्पन्न होते ही शत्रु और रोग को नष्ट नहीं कर देता, वह महाबलशाली हो तो भी उसके शत्रु और रोग वृद्धि को प्राप्त होकर उसे मार डालते हैं अर्थात् शत्रु और रोग को उत्पन्न होते ही नष्ट कर देना चाहिए।