मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ

स्थानीय ब्राह्मण सभा पुनर्गठन की आवश्यकता

दिनांक 22 मार्च 2025धर्म और अधर्म – समय सूचक यंत्र की भांति समय वृत्त निरंतर घूम रहा है । परिवर्तन…
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भू-जल

भू-जल जल है तो जीवन है lआज है और कल भी ll चेतन कौशल “नूरपुरी”
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इंसान

चेतन आत्मोवाच 80 :-इन्सान बना वही, लिया जिसने खुद को पहचान 1फूंक-फूंककर हर कदम चले, मनः दाग से बचे चरित्रवान…
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श्रेष्ठ साहित्य

चेतन आत्मोवाच 79 :-श्रेष्ठ साहित्य है कामधेनु, दूध सम देता है शक्ति l ज्ञानी की बात छोड़ो, मनः मुर्ख भी…
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मदिरा

चेतन आत्मोवाच 78 :-नहीं रहता माँ, बहन, बेटी पत्नी का भेद वहां lमदिरा का चलता है मनः दौर खुले आम…
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मानसिक विकार

चेतन आत्मोवाच 77 :-काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, अहंकार हैं सब नर्क के द्वार lइधर कहते हैं संत प्यारे, मनः…
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शोभा एवं इतिहास

चेतन आत्मोवाच 76 :-बनी है शोभा त्रिभुवन की,सतियों और देवियों से 1बना है इतिहास दुनियां का, मनः महान विभूतियों से…
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संतान

चेतन आत्मोवाच 75 :-वह सन्तान अच्छी है, जो पावों पर अपने खड़ी है lकर्तव्य अपना समझती है, मनः समाज की…
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सहारा

चेतन आत्मोवाच 74 :-सहारा होता है जो बेसहारों का, वह दर्द हर लेता है lजहर नदी, नाले, झरनों का, मनः…
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प्रेम

चेतन आत्मोवाच 73 :-बिना दर्द के जो होता है, वह होता है प्रेम नहीं lदर्द नहीं होता जिसमें, मनः होता…
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