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श्रेणी:आलेख
आर्य समाज – सशक्त समाज
दिनांक 19.11.2024
# हम सब आर्य पुत्र/पुत्रियाँ हैं, हमें अपने देश भारत पर गर्व है l*
# हम आर्यों का राष्ट्र – “आर्यावर्त” ही महान “अखंड भारत” है l*
# हम आर्यों का राष्ट्र – “आर्यावर्त” ही महान “अखंड भारत” है l*
# हम आर्यों का राष्ट्र – गांवों का देश, हमारी कर्म भूमि है l*
# हम आर्यों के गाँव की संपदा – जल, जंगल और जमीन हम सब आर्यों का हित करने वाली है l*
# ग्राम्य संपदा का लंबे समय तक उपयोग करने के लिए, उसका संरक्षण, पोषण, संवर्धन करना हम आर्यों का दायित्व है l*
# माता – पिता, गुरु, गंगा, गौ, गीता, पति, वृद्ध, ब्राह्मण, संत और अतिथि की सेवा, रक्षा करना हम आर्यों दायित्व है l*
# समग्र प्रकृति की सृजनहार स्वयं माँ जगदंबा हैं l माँ जगदंबा की कृपा से समग्र प्रकृति का दिया हुआ हम आर्यों के पास सब कुछ है l*
# प्राकृतिक संसाधनों का सुनियोजित ढंग से दोहन करके अभाव ग्रस्तों तक पहुंचाना और उनकी तन, मन, धन से सेवा करना हम सब आर्यों का कर्तव्य है l*
# हम सब आर्य हैं जो ज्ञान में ब्राह्मण भाव, वीरता में क्षत्रिय भाव, व्यापार में वैश्य भाव और सेवा में शुद्र भाव रखते हैं, हाँ, हाँ हम ही आर्य हैं l*
# हम आर्यों ने कर्माधारित वर्ण व्यवस्था को जन्माधारित जातियां समझने की भूल कर दी, वरना विश्व हमें आर्य संबोधन से पहचानता था l*
# देश में जब तक पाश्चात्य शिक्षा जारी रहेगी तब तक युवा आर्य नौकर ही बनेंगे, लेकिन जब उन्हें परंपरागत वैदिक शिक्षा मिलेगी वे नौकर नहीं, फिर से स्वामी बन जायेंगे l*
# हम सब आर्य हैं, इसलिए हम सब एक हैं l*
# अगर 30 करोड़ का पाकिस्तान इस्लामिक देश बन सकता है तो 100 करोड़ आर्यों का भारत भी दृढ़ राजनैतिक इच्छा शक्ति से पुनः आर्यवर्त हो सकता है l*
# अगर 30 करोड़ का पाकिस्तान इस्लामिक देश बन सकता है तो 100 करोड़ आर्यों का भारत भी दृढ़ राजनैतिक इच्छा शक्ति से पुनः आर्यवर्त हो सकता है l*
# आर्य बिना कारण किसी का अहित नहीं करता है, कोई उसे छेड़ता है तो वह उसे कभी छोड़ता भी नहीं है l*
# दुश्मन, कभी आर्यों का हित नहीं चाहता है, वह उनके विरुद्ध हर समय कोई न कोई षड्यंत्र रचता रहता है l*
# आर्य की किसी के प्रति दुर्भावना नहीं हो सकती और दुश्मन की आर्यों के प्रति कभी सद्भावना नहीं होती है l*
# आर्य ही देश, धर्म – संस्कृति और सभ्यता के प्रति सजग और सतर्क रह सकते हैं l*
# आर्य धर्मयोद्धा ही देश, धर्म – संस्कृति की आन, वान और शान हैं l*
# आर्य भारत के वंशज थे, वंशज हैं और वंशज ही रहेंगे l*
# भारत भूमि की रक्षा हेतु जीवन समर्पित करने वाला हर बलिदानी, क्रन्तिकारी आर्य है, हमें उस पर गर्व है l*
# देश, धर्म – संस्कृति और सभ्यता की रक्षा हेतु खड़ा होने वाला हर व्यक्ति धर्म योद्धा आर्य है l*
चेतन कौशल “नूरपुरी”
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श्रेणी:वैदिक भाषा
वैदिक भाषा
# देशभर में वैदिक "संस्कृत भाषा" को उचित सम्मान मिलना चाहिए, "संस्कृत भाषा की कहीं भी अनदेखी" न हो।*
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श्रेणी:चेतन विचार
मंदिर
# मंदिर आएं तो भक्त बनकर आएं, पर्यटक बनकर नहीं। मंदिर आस्था केंद्र, पूजा स्थल हैं, कोई पर्यटक स्थल नहीं।*
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श्रेणी:शूद्र-कर्मवीर
शूद्र-कर्मवीर
- # शूद्र वह कलाकार है जो अपनी हस्त कला से मिट्टी, पत्थर, लकड़ी को भी साक्षात चित्र/मूर्ती, वस्तु, भवन, सेतु में बदल सकता है।*
- # जो व्यक्ति सत्य, धर्म, न्याय और नीति के हित में अपनी कला - विद्या का सृजन, पोषण, वर्धन करता है, शूद्र कहलाता है।*
- # शूद्र वर्ण संपूर्ण मानव समाज को हस्त - ललित कला, विद्या कौशल से समृद्ध करता है।*