चेतन आत्मोवाच 42 :-
छोटी-छोटी जरूरत पूरी करता चल, एक दिन स्वावलंबी हो जायेगा l
मेहनत करता चल तू, मनः धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जायेगा ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
लेखक: चेतन कौशल
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
स्वावलम्बन
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
नीली चादर तले
चेतन आत्मोवाच 41 :-
ऊपर नीली चादर, खड़ा तू तपती जमीन पर l
तूने करना है क्या ? मनः किधर है ? तेरी डगर ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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