चेतन आत्मोवाच 52 :-
जान सके तो जान, सत्य ही है भगवान् l
जायेगा तू पहचान, मनः थोड़ा-थोड़ा कर ध्यान ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
लेखक: चेतन कौशल
-
श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
सत्य
-
श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
तीन शत्रु
चेतन आत्मोवाच 51 :-
आलस्य, झूठ, और अभिमान तीनों हैं तेरे शत्रु महान l
एक को भी निकट न आने देना, मनः सुन ले तू देकर ध्यान ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
-
श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
आशाओं का अँधेरा
चेतन आत्मोवाच 50 :-
आशाओं के घोर अँधेरे में, क्यों खो गया तेरा जीवन है ?
तालाश खुद की खुद कर, मनः नाहक बना क्यों दीन-हीन है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
-
श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
विपदा
चेतन आत्मोवाच 49 :-
मुसीबत आ गई तो आने दे विपदा नहीं है कोई खास l
नरमी-गर्मी का मौसम है, मनः तू हुआ है क्यों उदास ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
-
श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
सम्मान भावना
चेतन आत्मोवाच 48 :-
लुटाया था अपना आप उसने तो तू उन्हें पूज रहा l
क्यों पूजेगा, कौन तुझे ? मनः तू तो सबको लूट रहा ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"