पराई आशा पर जीने वाले!
पराए प्रकाश पर चलने वाले!
पराई मेहनत खाने वाले!
रास्ता छोड़ भटकने वाले!
मिलेगी तुझे कब तक आस?
मिलेगा तुझे कब तक प्रकाश?
मिलेगा तुझे कब तक खाना?
पड़ेगा तुझे कब तक पछताना?
अपने साहस पर तू कर ले आस,
अपनी राह पर खुद कर ले प्रकाश,
नित अपनी मेहनत का खाया कर,
जीवन की सही राह अपनाया कर,
पराई आस पर जी रहा, कोई कहेगा नहीं,
दूसरों का सहारा ले रहा, किसी से सुनेगा नहीं,
देख रहा हाथ पराए, कोई कहेगा नहीं,
राह भटक गया, किसी से सुनेगा नहीं,
निराशा ले जीत, तेरे साहस का है काम,
मेहनत कर, फल देना ईश्वर का है काम,
शेर छोड़े जूठन, खाना गीदड़ों का है काम,
स्थित-प्रज्ञ बन जा, तेरी बुद्धि का है काम,
चेतन कौशल "नूरपुरी"
लेखक: चेतन कौशल
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श्रेणी:कवितायें
आत्म-जागरण
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श्रेणी:अनमोल वचन
आपत्ति आने के पहले
अनमोल वचन :-
# आपत्ति आने के पहले ही उपाय सोचने वाले, समयानुसार बुद्धि से काम लेने वाले ये दोनों ही सुख से रहते हैं, परंतु जो होगा देखा जाएगा-ऐसा सोचने वाला नष्ट हो जाता है।*
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श्रेणी:अनमोल वचन
एक दूसरे के आश्रय से
अनमोल वचन :-
एक अकेला वृक्ष, बलवान और सुदृढ़ होने पर भी वायु के द्वारा बल पूर्वक जड़ से उखाड़कर फैंका जा सकता है, किंतु जो वृक्ष मिलकर सामूहिक रूप से सुप्रतिष्ठित रहते हैं वे तीव्र आंधी को एक दुसरे के आश्रय से सह लेते हैं।
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श्रेणी:अनमोल वचन
हे ईश्वर!
अनमोल वचन :-
हे ईश्वर! सबके विचार, संघटन, मन और चित समान हों। आप ही सबको समान उपदेश देेते हैं और सबको समान भोगाधिकार से युक्त करते हैं।
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श्रेणी:अनमोल वचन
वर्ण – आश्रम धर्म
अनमोल वचन :-
किसी भी प्राणी की हिंसा न करना - कष्ट न पंहुचाना, मधुर वचन बोलना, सत्य भाषण करना, बाहर और भीतर से पवित्र रहना एवं शौचाचार का पालन करना, दीनों के प्रति दयाभाव रखना तथा क्षमा (निन्दा आदि को सह लेना) ये चारों वर्णों तथा आश्रमों के सामान्य धर्म कहे गए हैं।