मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



लेखक: चेतन कौशल

  • श्रेणी:

    जीवन आधार

    चेतन आत्मोवाच 62 :-

    शुद्ध आचार, शुद्ध आहार l
    जीवन आधार, मनः शुद्ध व्यवहार ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    विकारी मन

    चेतन आत्मोवाच 61 :-

    विकारी कमजोर मन कभी सुमिरन काम न कर पाए l
    रंग बदले गिरगिट सम, मनः रंग एक आये, एक जाये ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    भारतीय नारी

    चेतन आत्मोवाच 60 :-

    कर्म करती चक्की सम, देखी मैंने भारतीय नारी है l
    भैंसे सम पीटता है क्यों ? मनः तेरी खो गई अक्कल सारी है ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    चैन की वंशी

    चेतन आत्मोवाच 59 :-

    चैन की बंशी बजेगी, जब भ्रष्टाचार का होगा दूर अँधेरा l
    सदाचार का पालन करेगा बच्चा-बच्चा, मनः होगा फिर नया सवेरा ll
    चेतन कैशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    शूल-अंगार

    चेतन आत्मोवाच 58 :-

    बढ़ा दिए तूने कदम तो सहन कर शूल-अंगार भी l
    मन बड़ा अड़ियल घोड़ा मनः भर थोड़ी सी हुंकार भी ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"